logo
back-arrow
श्री. तुकाराम अशोक सोनावणे
नासिक, महाराष्ट्र.
 
कुल क्षेत्रफल / एकड़: बागवानी 8, कृषि योग्य 2
display-image
तुकाराम सोनवणे एक व्यवसायी किसान हैं। वे हर मौसम में सब्जियां और फल उगाते हैं। हर साल खरीफ, रबी और गर्मी तीनों सीजन में खीरा उगाया जाता है। इसके अलावा, जाड़े के दिनों में जब तापमान कम हो जाता है तब खीरे की फसल की वृद्धि रूक जाती है और फूलों की संख्या कम हो जाती है। इसके अलावा, ककड़ी की फसल को एफिड्स, कैटरपिलर, वीविल जैसे चूषक कीड़ों के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए बड़ी मेहनत करनी पड़ती है।

वर्तमान रबी सीजन में तुकाराम सोनवणे ने खीरे की दो किस्मों - कावेरी और शिवालिका का चयन किया। खीरे के बीज बोने के बाद 10 दिनों के अंतराल पर उन्होंने 200 लीटर पानी में 1 लीटर बायोफिट एनपीके और बायोफिट फार्म मिलाकर ड्रिप सिंचाई द्वारा 1 एकड़ क्षेत्र में उनका छिड़काव किया।

इसके अलावा, 15 दिन के अंतराल पर बायोफिट स्टिमरिच और बायो-99 का 3 बार छिड़काव किया। इसके फलस्वरूप फसल की बेलें बहुत तेजी से बढ़ने लगी, फूलों का झड़ना कम हुआ और फलों की संख्या में वृद्धि हुई। खीरे की लंबाई भी औसत से ज्यादा बढ़ गई। फल का वजन भी बढ़कर 180 से 220 ग्राम हो गया।

खीरे की फसल को चूषक कीड़ों से बचाने के लिए एहतियात के तौर पर 20 दिनों के अंतराल पर बायोफिट का छिड़काव किया गया। इससे केमिकल दवाओं का खर्चा कम हुआ।
खीरे की पिछली फसल और बायोफिट खीरे की फसल में अंतर
खीरे की पिछली फसल :
  • उत्पादन लागत/एकड़: 58,000 रु.
  • औसत उपज/एकड़: 72 क्विंटल
  • बाजार भाव/क्विंटल: 1600 रु.
  • कुल उत्पादन/एकड़: 1,15,000 रु.
  • शुद्ध लाभ/एकड़: 57,000 रु.
बायोफिट खीरे की फसल :
  • उत्पादन लागत/एकड़ : रु. 62,000
  • औसत उपज/एकड़: 80 क्विंटल
  • बाजार भाव/क्विंटल: 1800 रु.
  • कुल उत्पादन/एकड़: 1,44,000 रु.
  • शुद्ध लाभ/एकड़: 82,000 रु.
मौजूदा सीजन में खीरे के आकार, लंबाई, रंग और चमक में भारी अंतर देखने को मिला। इससे उन्हें 8 टन खीरे का उत्पादन मिला।