श्री भगवान करांडे पारंपरिक तरीके से खेती नहीं करते हैं, बल्कि वे व्यावसायिक दृष्टि से नए-नए प्रयोग करते रहते हैं।
उनके पास कॉमन बीन फसल के लिए लगभग डेढ़ से दो एकड़ का क्षेत्र है। वे हर साल रबी सीजन के दौरान सांकेतिक तरीके से कॉमन बीन की फसल बोते हैं। उन्हें बुवाई के 40-45 दिन बाद पहली फसल मिलती है। फसल की वृद्धि, शाखा का विकास, डालियों और फूलों की संख्या के आधार पर उनकी फसल की पैदावार जनवरी से फरवरी तक होती है। इस दौरान उन्हें नागाली, फल छेदक और एफिड्स जैसे कीड़ों से निपटना पड़ता है। इसके परिणामस्वरूप उन्हें रासायनिक उर्वरकों, खेती और श्रम पर बहुत ज्यादा खर्च करना पड़ता है।